सिविल सर्वेंट भारत का स्टील फ्रेम हैं। यानी ये, देश की प्रशासनिक व्यवस्था के सहायक पिल्लर हैं। ऐसा- स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री- सरदार वल्लभभाई पटेल का मानना था। साल 1947 में, आज के ही दिन, उन्होंने दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को संबोधित किया था। इसी की याद में, साल 2006 से, हम हर साल 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस मनाते हैं। एक जमाना था, हर पेरेंट्स चाहते थे कि, उनके बच्चे सिविल सर्विस में जाएं। इसके लिए, युवाओं में भी उतना ही जोश दिखता था। लेकिन आज नहीं। कारण- ब्यूरोक्रेसी पर भी, भ्रष्टाचार के दाग लगे हैं। हालांकि यह नहीं कि, हर सिविल सर्वेंट क्रप्ट है, लेकिन कुछ कर्मचारी, अपने निजी स्वार्थ और लालच के लिए, अपनी पोजिशन और पॉवर का मिसयूज करते हैं, जिससे ब्यूरोक्रेट्स की पूरी कम्युनिटी बदनाम हो रही है।
आज हम नेशनल, सिविल सर्विस डे मना रहे हैं, लेकिन क्या हर सिविल सर्वेंट अपने काम पर गर्व करता है, कि वो पूरी तरह से ईमानदार है- अपने काम के लिए, जनता और देश के लिए। अगर किसी परिवार का, सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में इन्वोल्व पाया जाता है, तो पूरे परिवार को शर्मिंदा होना पड़ता है। आखिर किस बच्चे को सुनकर अच्छा लगेगा कि उनके पेरेंट्स घूस लेते हैं, या ऐसा सुनकर, किस पार्टनर या मां-बाप की की नजरें शर्म से नहीं झुकेंगी। क्रप्शन में इन्वोल्व कर्मचारियों के, परिवार ही, उन्हें रोक सकते हैं। परिवार में सिविल सर्वेंट या कोई भी सरकारी कर्मचारी है, तो भ्रष्टाचार जैसे गलत कार्यों, में उनका साथ ना दें, और आप देखेंगे कि इन ओहदों की मर्यादा और इज्जत, खुद ब खुद होने लगेगी।
सिविल सर्वेंट, जनता के सेवक हैं, लेकिन आज जनता ही, इनसे डरती है। एक पुलिस वाले को ही लें, तो लोग, उन्हें दूर से देखकर भाग जाते हैं। आखिर, अपने सेवकों से, लोग क्यों डरते हैं। नीली बत्ती वाली गाड़ी का स्वैग आज भी उतना ही है, लेकिन आज जनता, इसके काम से खुश नहीं है। यही नहीं, आजकल युवाओं को, जनता की सेवा, सिविल सिर्विस में आने के लिए उतना आकर्षित नहीं करती, जितना इसकी सिक्योर जॉब और ऊपर की कमाई आकर्षित करती है। सिर्फ नौकरी ही करनी है, तो प्राइवेट सेक्टर भी बुरा नहीं है। करियर ग्रोथ है, अगर आप कैपेबल हैं, जॉब भी सिक्योर है और मनचाहा पैकेज भी। सिविल सेवा, एक महान पेशा है, जहां आप, अपने कौशल और प्रतिभा से, आम जनता की जिंदगी और देश को बदल सकते हैं। हम, आप युवाओं से पूछना चाहते हैं, कि आप सरकारी नौकरी क्यों चाहते हैं? जरा सोचिए!